इजरायल-हमास के बीच चल रही जंग को दो महीने से अधिक का समय हो गया है. लेकिन इस युद्ध की समाप्ति का कोई अंत नजर नहीं आ रहा है. 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमास ने हमला किया और 250 से अधिक लोगों को बंधक बना लिया. हालांकि युद्ध शुरू होने के दौरान संघर्ष विराम लगने पर हमास ने कई बंधकों को रिहा कर दिया. लेकिन अभी भी कई इजरायली नागरिक हमास के कब्जे में हैं. वहीं बंधकों के परिजनों का नेतन्याहू सरकार के खिलाफ आक्रोश बढ़ता जा रहा है और इसका उदाहरण उस वक्त देखने को मिला जब पीड़ितों ने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बयान के दौरान हंगामा करना शुरू कर दिया.
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को गाजा में बंधक बनाए गए लोगों के परिवार के सदस्यों की ओर से व्यवधान का सामना करना पड़ा. अपने प्रियजनों की तस्वीरों और नामों के साथ पोस्टर पकड़े हुए, परिजनों ने संसद में दिए गए बयान के प्रति असहमति जाहिर की. गाजा दौरे से लौटे बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा था कि सैनिकों को अपने ऑपरेशन के लिए अधिक समय की आवश्यकता है. इस दौरान परिजनों ने “समय नहीं है” चिल्लाना शुरू कर दिया. हालांकि इस बीच नेतन्याहू ने अपना भाषण जारी रखा.
शहीद आईडीएफ सैनिकों के परिवारों के साथ पिछली बातचीत पर विचार करते हुए, नेतन्याहू ने अपना दृढ़ संकल्प व्यक्त करते हुए कहा, “हमारे बेटे व्यर्थ नहीं मरे. हमें तब तक युद्ध नहीं रोकना चाहिए जब तक हम उन लोगों पर पूरी जीत हासिल नहीं कर लेते, जो हमें मारना चाहते हैं.” इसके बाद, नेसेट गैलरी में परिवार के सदस्यों ने नेतन्याहू के भाषण पर विरोध जताया. परिवारों द्वारा लाए गए पोस्टरों पर लिखा था, ‘हमें आप पर भरोसा है कि आप उन्हें घर ले आएंगे’, “80 दिन, प्रत्येक मिनट नरक के समान है.’ परिजनों के विरोध पर प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा, ‘हमने कोई कसर नहीं छोड़ी.’